गुरुवार, 31 मई 2012
कार्टूनी आरक्षण !
उस रोज कपिल जी को देख के हैरानी हुई ! लड़की के पिता की तरह सब कुछ दे के, बिना किसी गलती के लड़के वाले से माफ़ी माँगने जैसा ! शिक्षा में ,नौकरी में चलित आरक्षण क्या कम है ? .'समझदारी' में भी आरक्षण देना आग से खेलने जैसा है ,कपिलमुनि ! जिस वोट के लिए घुटने टेक रहे है वो पिछले १५ -२० साल से सरकार का पैर तोड़ के बैसाखी थमाए हुए है .कार्टून को समझाने की जरूरत थी न कि समझदारी में आरक्षण की !
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