गुरुवार, 31 मई 2012
आमिर आजिज हैं हम !
आमिर, जारी रहे ! यहाँ कोई भी कुलपति के चरित्र में झांक के विश्वविधालय में नामांकन नहीं कराता. प्राचार्य की जन्म कुंडली देखे बैगैर विद्यालय जाता है .शिक्षक संविधान के किस अनुछेद में छेद किया है बिना पता किये हुए चुपचाप शिक्षा ग्रहण किये हुए लोग है ये .बड़े दलाल , लुटेरे के संस्थान से बिना उसकी कुंडली मिलान किये विद्योपार्जन , धनोपार्जन करे तो वाह वाह ! हम कभी भी डाक्टर के चरित्र का पता नहीं करते ,बस इलाज अच्छा हो . फोर्टिस, अपोलो, मैक्स के मालिको चरित्र दर्पण अपने पास नहीं होता .वैसे भी पब्लिक के लिए पब्लिक की बात ,पब्लिक का सर्वे , पब्लिक का दर्द पब्लिक के मरहम के लिए ,पब्लिक को पब्लिकली दिया !
कार्टूनी आरक्षण !
उस रोज कपिल जी को देख के हैरानी हुई ! लड़की के पिता की तरह सब कुछ दे के, बिना किसी गलती के लड़के वाले से माफ़ी माँगने जैसा ! शिक्षा में ,नौकरी में चलित आरक्षण क्या कम है ? .'समझदारी' में भी आरक्षण देना आग से खेलने जैसा है ,कपिलमुनि ! जिस वोट के लिए घुटने टेक रहे है वो पिछले १५ -२० साल से सरकार का पैर तोड़ के बैसाखी थमाए हुए है .कार्टून को समझाने की जरूरत थी न कि समझदारी में आरक्षण की !
कामना है तेरी जय की. विजय की !
परिणाम का मौसम है ,जिन बच्चों को परीक्षा का फल नहीं मिला होगा वो गहन निराशा में होंगे .मिल रही सांत्वना
कम पड़ रही होगी जबतक माँ-पिताजी से सांत्वना जबतक मिले नहीं तबतक छटपटाहट कायम रहेगी .आंधी तूफ़ान
की तरह असफलता दिल से दिमाग तक को झकझोर रही होगी.आंधी में बिजली काट दी जाती है.पर बहुत से अभिभावक सफल बच्चे का फोटो ,उसका रैंक ,उसकी लचर आर्थिक स्थिति की बखान करते नहीं थकते .चर्चा में तुलना होता है .जो आंधी में बिजली सप्लाई जैसा ही है .तार टूटेगा ,गिरेगा ,किसी की जान ले लेगा ! उसकी आंधी थमने दीजिये तब चिराग जलाइए .एक रास्ता बंद हो जाने भर से यात्रा बंद नहीं हो जाती . रास्ते कई हैं जो मंजिल तक पहुचाती है . नए नए कई रास्ते बने है पर 'राही' नहीं रहेगा तो रास्ते किसलिए ? मनोबल तोडिये नहीं बढाइये . चुके हुए ! आगे तेरे से कोई चुक न हो , कामना है तेरी जय की. विजय की !
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