मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009

लगे पचासी झटके !

काबिल कपिल जी को काफी सुधार का काम वाला मंत्रालय मिला. प्रतिशत को ग्रेड में बदलकर अब ग्रेड को प्रतिशत में बदल रहे हैं .फिर किसे सही माने प्रतिशत को हटाने के खेल को या फिर से प्रतिशत को लाने के खेल को ?मतलब प्रतिशत, शत प्रतिशत चलन में रहेगा ही . त काहेला नौटंकी किये पहले ? इ त ठीक वैसे ही न हुआ जैसे गेहूं का दाम कम करके खाद -डीजल का दाम बढा देना .असर कहाँ पड़ेगा ये जनता को बुझने दो . है कि नहीं ?अतः हे कपिल मुनि अपने आश्रम की नियमित सफाई पर ज्यादा ध्यान दे .प्रतिशत- ग्रेड का खेल आप बच्चों परछोड़ दें. वो लोग बढ़िया खेल लेगा .साफ़ साफ़ शब्दों में ये बच्चों का ही खेल है. मुझे मालूम है इसलिए मैं ये थोड़े न पूछूँगा कि आपने ग्रेड ए, में कितने प्रतिशत पाने को शामिल किया है,या ग्रेड बी में कितने ?अंत में कहता हूँ कि ये पचासी झटकना छोडिये .इससे दिल का पुर्जा -पुर्जा हो जा रहा है .

2 टिप्‍पणियां:

डॉ .अनुराग ने कहा…

काश डोनेशन वाले कोलेज बंद करवा पाते .या उनकी कोई मेरिट तय करते

Fighter Jet ने कहा…

jab muskil kam nahi hota in logo se..so idhar udhar upar se jhar poch ka kam me lag jate hai