बुधवार, 3 दिसंबर 2008

बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ !

बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ !
देखिये ! आप देख सकते हैं ! आप देख सकते हैं कि कैसे हम अपनी जान पर खेल कर आपको वह सब कुछ दिखा रहे हैं जो आप घर बैठे देख रहे हैं.जो आप देखना नही चाहते वो भी दिखाने को हम मोर्चा खोले बैठें हैं. इस देश का हम चौथा स्तभ हैं ,और जब स्तभ जमीं पर लुढ़क -लुढ़क कर मजबूत आधार दे रहा हो तो खतरों के निशान से ऊपर खतरा बह रहा है .ऐसा समझा जाना चाहिए . हम आपको बता दें कि वही सबकुछ हम अभी तक दिखा रहे थे जो आप आँख बंद करके देखना चाहा था .अब बात अलग है कि अभी सेना -पुलिस के मना करने पर वो सब कुछ हम नही दिखा पा रहे जो मेरा कैमरा अभी भी देख रहा है .हम नही चाहते कि आतंकवादी को हमारे जरिये कुछ मदद मिले .हम सेना पुलिस के साथ हैं हम उनकी कारवाई में खलल नही डालना चाहते. इसलिए लाइव दिखा कर आतंकी का लाईफ नही बढ़ाना चाहते.हम आपको साफ़ कर दें कि फिलहाल न तो हम "सबको रखे आगे " टी.वी. न "सबसे तेज टी.वी.'' हैं हम आपको बता दे फिलहाल दिल में इंडिया लिए मचल रहा हूँ मन तो कर रहा है कि सूचना के अधिकार के तहत आपको वो सब दिखा दूँ .पर ऐसा मैं नही करने जा रहा . हम आपको बता दे कि केवल दिखाने को मना किया गया हैबताने को मना नही किया गया है . हम आपको वह सब कुछ बताते रहेंगे .जो हम और हमारे कैमरे देखते रहेंगे. पर दिखायेंगे नही . जो दिखाया गया वो अनजाने में गलती से मिस्टेक हो गया. हम आपको बता दे कि हम “लाईव” नही दिखाते तो हमारे "फाइव" नही जाते . फाइव कहीं फिफ्टी न हो जाय इसलिए दिखाना बंद . हम आपको साफ़कर दें आतंकवाद से भिड़ने के तरीके में लोकतंत्र का हर स्तम्भ का मिस्टेक ,एक दुसरे के मिस्टेक को ओवरटेक करता गया है. हम आपको बता दे कि मिनट से ही घंटा बनता है . मेरे दिखाने से ५९ मिनट का काम ५९ घंटे तक चलेगा . पर आपको हम यकीं दिलाते हैं कि हमारा कैमरा नही चलेगा.आप देख सकते हैं कि अपने जांवाज कमांडो चारो तरफ़ से घेरे खड़े हैं .निचे कहीं आतंकी उतरे तो रेपिड एक्शन फोर्स के गोली का शिकार बनेगे , उनसे बचेगे तो ऐ टी एस ,ऐ टी एस से बचेंगे मुंबई पुलिस कि गोली से बच नही सकते .मतलब कि आतंकी पुरी तरह घिर गए हैं. गोलिया मेरी जुबान से भी तेज चल रही है . दहशत का माहौल हैदेखिये फ़िर से दो ग्रेनेड फेंक दिया है .एक कमांडो बुरी तरह घायल हो गया है अम्बुलेंस बुलाया गया है. देखिये ये सब हम आपको इसलिए नही दिखा रहे हैं कि हम नही चाहते कि आतंक का सहयोग हो. हम आपको बता दे आतंकी को लगातार फ़ोन पर पाकिस्तान से गाइड लाईन मिलने से आतंकी को लगातार लाईफ लाईन मिलती जा रही है .केवल दिखाने से ही उनकी मदद मिलेगी आंखों देखी बताने से मदद नही मिलती है सो हम बताये जा रहे हैं. लेट लेट कर , भाग-भाग कर .ये बात अलग है कि हमारे ऊपर भी ग्रेनेड दागे जा रहे हैं हमें उसकी परवाह नही है .हम सेना का मनोबल बढ़ने में विश्वास रखते हैं. अब ये अनुभव हर लड़ाई को लाईव करने में काम आएगा . देखिये पहले कमेंट्री रेडियो से होती थी अब टी.वी. पर प्रसारण होता है .हमारी टी.वी. को कभी मौका मिलता नही क्रिकेट मैच दिखाने का ,हमेशा सौजन्य से काम चलाता रहा , कोई फ़िल्म वाला अपने फाइटिंग सीन को कभी कवर नही करने दिया .वैसे आप सभी की इच्छा पूर्ति प्रतिबन्ध से पहले कर चुका हूँ .हम इनके प्रतिबन्ध को अनुबंध मानता हूँ .आप संयम और धैर्य धारण किए रहे क्योंकि हम इस बीच एक भी विज्ञापन तो दिखाया नही. फ़िर कहीं जाने की जरूरत नही है ,बने रहिये हमारे साथ . देखिये हम धैर्य और संयम के संगम में डूबे उतावले होकर जिम्मेवार मिडिया दिखाने में कोई संयम रख नही पाये हाँ अलबता देश के दुश्मन को आदर सूचक शब्द से नवाज़ते रहे .मतलब भाषा पर संयम कायम था .हमने आतंकवादी के लिए "वह " की जगह "वे" "ग्रेनेड फेंक रहा है " की जगह "ग्रेनेड फेंक रहे हैं." बोलता रहा .आप देख सकते है न्योता देकर बुलाने के बावजूद दो आतंकी और १०० अपने के ढेर होते ही "रद्दी रिजेक्टेड पाटिल " भारत माता की जय बोल रहे हैं ,जबकि ये अधिकार अबतक भाजपा अपने कोटे का समझ रही थी.उनके मुस्कान से लबरेज जयकारा से आगे की लड़ाई में जीत हाशिल हुई .जितने नेता आते गए अपने थोबडा दिखाने हम आपको दिखाते रहे . कल्ह हम फ़िर दिखायेगे जो सिर्फ़ हम दिखा सकते हैं.अपनी फजीहत कोई और न करे इसके लिए हम आपके सहयोग से नेताओं को कल्ह तरीके से घेरेंगे . हम लगातार ५९ घंटे तक बक-बक करते रहे .पर उनके एक लाईन से उनको लाईन हाज़िर करवा देंगे. आप देख सकते हैं कि क्या हमने जुगाड़ लगाया हैं ,कल्ह आपके घर आऊंगा ,आपको रास्ते में रोक कर पूछूँगाकि कैसा लगा मेरा हिम्मत से भरा लाईव दिखाने की हिमाकत .अंत में हम आपको बता दें . हम चौबीसों घंटे तीन पाँच करते रहते हैं . क्या दिखाया जाय क्या नही दिखाया जाय उसकी समझ न होते हुए भी लोकतंत्र का सबसे समझदार स्तभ का तगमा अपने गले लटकाय रहता हूँ. और आपको हम ये भी बता दे कि ये देखने की चीज थी इसलिए ही बार बार दिखाया गया ,लगातार दिखाया गया । हर बार यह अपराध हमसे हो जाता है । आपकी नज़रें वो सब कुछ नही देख पाती जो मुझमे समाहित है .


और अंत में आपको साफ़ साफ़ बता दूँ जो हमने दिखाया वो आप आँख बंद किए हुए भी देख सकते थे .महसूस सकते थे.

2 टिप्‍पणियां:

seema gupta ने कहा…

आप देख सकते हैं कि कैसे हम अपनी जान पर खेल कर आपको वह सब कुछ दिखा रहे हैं जो आप घर बैठे देख रहे हैं.जो आप देखना नही चाहते वो भी दिखाने को हम मोर्चा खोले बैठें हैं.
" ptta nahi dekha rhe thy, ya jan laine wale aatnkvadiyon ke help kr rhe thy.... just disgusting.."

Regards

pritima vats ने कहा…

वैसे तो कड़वा सच कहा है आपने। लेकिन लगता है मीडियावालों से पूरी तरह खफा हैं आप।