बुधवार, 13 जून 2007

अक्षराराम्भ !

अक्षराराम्भ !
******
******
या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्रवस्त्रव्रिता
या वीना वर दंद्मंदित्करा या श्वेत्पद्मसना
या ब्रह्म्च्युत शंकर प्रभिर्ती देवी सदवंदिता
सा माँ पातु सरस्वती भगवती निह्शेश जाड्यापहा


******
******
भूमि -पूजक कर्ता है वेब भूमि पूजन
ले पूजा के थाल और पत्र -पुष्प चंदन
अभिनन्दन ! अभिनन्दन !!
अभिनन्दन !!
******
मान्यवर,
सुस्वागतम
दिल से हस्तांतरित , दिल का सनेह युक्त अस्पन्दन है ,
रोष है , जोश है टोंट है और मनोरंजन है
ये अंजन है , मंजन है ,भंजन है ,वंदन है ,
कुछ खुला गबन है कुछ गहरा मनन है
कुछ नया नूतन नही , नही कोई परिवर्तन है .
बस आपका ही दिया हुआ , आपको समर्पण है

आपके समर्थन पर अर्पित ये सुमन है
अभिनन्दन है ! अभिनन्दन है !
भूमि-नन्दन को अभिनन्दन है !!

कोई टिप्पणी नहीं: