कमाल है गृह मंत्री जी, कसाब जैसे कसाई की सुरक्षा में जितने
जवान लगाये ठीक उतने ही जवान को दंतेवाडा के महायज्ञ में
आहुति दे आये . ये जो दो -दो लाख चार -चार लाख का "दक्षिणा"
बाँट रहे है इसे भी कसाब के सुरक्षा में लगे खर्च के बराबर करने
का इरादा है क्या ? चूहे , जेल से अदालत तक जैसा सुरंग कसाब के
लिए बनाये क्या अपने जवान के लिए नहीं बना सकते थे ?
तुम्हारी जुबान की तरह आज हमारे "जवान" लड़खड़ा रहे हैं.
तुम्हारी जुबान की कीमत है कि नहीं ,नहीं मालूम पर हमारे
जवान की कीमत १०-५ लाख रूपया नहीं "जीत" है .
मंगलवार, 18 मई 2010
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1 टिप्पणी:
बिल्कुल सही लिखा है आपने संजय जी। चिदंबरम जी ने बातें बहुत कर ली है, अब उन्हें अपनी इच्छाशक्ति का प्रमाण भी देना चाहिए।
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